जवानी जान-ए-मन हसीन दिलरुबा
मिले तो दिल जवाँ निसार हो गया
जवानी जान-ए-मन हसीन दिलरुबा
मिले तो दिल जवाँ निसार हो गया
शिकारी ख़ुद यहाँ, शिकार हो गया
ये क्या सितम हुआ, ये क्या ज़ुलम हुआ
ये क्या ग़ज़ब हुआ, ये कैसे कब हुआ
न जानूँ मैं, न जाने वो
आ हा!
जवानी जान-ए-मन हसीन दिलरुबा
मिले तो दिल जवाँ निसार हो गया
आई, आई दूर से देखो, देखो
दिलरुबा ऐसी, ऐसी तिरू-तिरू-तिरू-ति
खाई, खाई बेज़ुबाँ दिल ने, दिल ने चोट ये कैसी
अरे वो, आ हा, मिली नज़र
अरे ये, आ हा, हुआ असर
नज़र-नज़र में ये समाँ बदल गया
चलाया तीर जो मुझी पे चल गया
ग़ज़ब हुआ ये क्या हुआ, ये कब हुआ
न जानूँ मैं, न जाने वो
ओ हो!
जवानी जान-ए-मन हसीन दिलरुबा
मिले तो दिल जवाँ निसार हो गया
शिकारी ख़ुद यहाँ शिकार हो गया
ये क्या सितम हुआ, ये क्या ज़ुलम हुआ
ये क्या ग़ज़ब हुआ, ये कैसे कब हुआ
न जानूँ मैं, न जाने वो
ओ हो, ओ!
दिल ये, दिल ये प्यार में कैसे, कैसे खोता है देखो, देखो
आ हा, आ हा, आ हा हा
क़ातिल, क़ातिल जान-ए-मन कैसे, कैसे होता है देखो
अरे वो, हा हा, मिला सनम
अरे ये, हा हा, हुआ सितम
वो दुश्मन-ए-जाना दिलदार हो गया
सय्याद का बुलबुल से प्यार हो गया
ग़ज़ब हुआ ये क्या हुआ ये कब हुआ
न जानूँ मैं न जाने वो
आ हा!
जवानी जान-ए-मन हसीन दिलरुबा
मिले तो दिल जवाँ निसार हो गया
शिकारी ख़ुद यहाँ, शिकार हो गया
ये क्या सितम हुआ, ये क्या ज़ुलम हुआ
ये क्या ग़ज़ब हुआ, ये कैसे कब हुआ
न जानूँ मैं, न जाने वो
0 Comments